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CA Success Story 2025: 71 साल की उम्र में जयपुर के ताराचंद अग्रवाल बने चार्टर्ड अकाउंटेंट, पोती की पढ़ाई ने बदल दी ज़िंदगी

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कहते हैं सीखने की कोई उम्र नहीं होती, और इस कहावत को राजस्थान के ताराचंद अग्रवाल ने सच साबित कर दिखाया है। 71 साल की उम्र में जब ज़्यादातर लोग आराम और रिटायरमेंट का आनंद ले रहे होते हैं, उस उम्र में उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक ICAI CA Final Exam 2025 पास करके एक नई मिसाल कायम की है।

जयपुर निवासी और स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (SBBJ) के रिटायर्ड अधिकारी ताराचंद अग्रवाल अब चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) बन चुके हैं। उनकी सफलता की कहानी देशभर में वायरल हो रही है और हर उम्र के छात्रों को प्रेरणा दे रही है।

पोती की पढ़ाई बनी प्रेरणा, सीए बनने का सपना हुआ साकार

ताराचंद अग्रवाल की इस प्रेरणादायक यात्रा की शुरुआत तब हुई जब उनकी पोती CA की तैयारी कर रही थी। वे उसे पढ़ाई में मदद कर रहे थे — बैलेंस शीट, टैक्सेशन, अकाउंट्स आदि की किताबें पढ़ते-पढ़ते उन्हें स्वयं में भी रुचि महसूस हुई। फिर उन्होंने ठान लिया कि अगर पोती सीए बन सकती है, तो वे क्यों नहीं?

“मैंने जीवन भर बैंकिंग में काम किया, लेकिन CA बनने का सपना कभी नहीं देखा। जब पोती के साथ पढ़ना शुरू किया, तब महसूस हुआ कि मुझे यह करना चाहिए,” उन्होंने कहा।

उम्र सिर्फ एक संख्या है: 71 में पास की CA Final परीक्षा

ICAI (Institute of Chartered Accountants of India) द्वारा जारी CA Final Result 2025 में जहां 14,247 स्टूडेंट्स पास हुए, वहीं 71 वर्षीय ताराचंद अग्रवाल का नाम सबसे अलग और खास रहा। उन्होंने यह दिखा दिया कि जुनून, मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है — चाहे उम्र कोई भी हो।

उनकी इस सफलता की सबसे बड़ी खासियत यह है कि उन्होंने पोती के साथ पढ़ाई करते हुए खुद भी परीक्षा की तैयारी शुरू की। जहां एक ओर उम्र के साथ याददाश्त कमजोर हो जाती है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने नियमित दिनचर्या, कड़ी मेहनत और समर्पण से खुद को साबित कर दिया।

 ICAI CA Result 2025: टॉपर्स की लिस्ट

6 जुलाई 2025 को ICAI ने CA Final Result 2025 जारी किया। इस बार छत्रपति संभाजी नगर (महाराष्ट्र) के रंजन काबरा ने 600 में से 516 अंक (86%) के साथ ऑल इंडिया रैंक 1 (AIR-1) प्राप्त की।

अन्य टॉपर्स में शामिल हैं:

  • AIR-2: निष्ठा बोथरा

  • AIR-3: मानव राकेश शाह

हालांकि इन सभी टॉपर्स की मेहनत सराहनीय है, लेकिन ताराचंद अग्रवाल की कहानी सबके दिलों को छू गई।

 सोशल मीडिया पर वायरल हुई ‘दादाजी की कहानी’

CA निखिलेश कटारिया ने ताराचंद जी की कहानी को LinkedIn पर शेयर करते हुए लिखा, “जहां चाह, वहां राह।” यह पोस्ट कुछ ही घंटों में वायरल हो गई। हजारों लाइक्स, शेयर और कमेंट्स की बाढ़ आ गई।

लोगों ने उन्हें “दादाजी हीरो”, “India’s Real Inspiration”, और “A Living Legend” जैसे नामों से नवाजा। एक यूज़र ने लिखा, “सीखने की कोई उम्र नहीं होती। 71 में CA बनना अविश्वसनीय है।” एक अन्य यूज़र ने कहा, “हमारे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा हैं ये दादाजी।”

पढ़ाई के प्रति समर्पण और अनुशासन

ताराचंद जी ने बताया कि उन्होंने पढ़ाई के लिए एक निश्चित टाइम टेबल बनाया, हर दिन नियमित रूप से पढ़ाई की, और मॉक टेस्ट देकर अपनी तैयारी को मजबूत किया। जहां युवा सोशल मीडिया या अन्य गतिविधियों में उलझ जाते हैं, वहीं उन्होंने अपनी उम्र के बावजूद एकाग्रता के साथ पढ़ाई जारी रखी।

टेक्नोलॉजी की मदद से उन्होंने ऑनलाइन क्लासेज लीं, डिजिटल मटेरियल पढ़ा और कठिन विषयों को बार-बार दोहराकर कंसेप्ट क्लियर किए।

पोती बनी साथी और प्रेरणा

ताराचंद अग्रवाल की पोती न केवल उनके साथ पढ़ी बल्कि उन्हें समय प्रबंधन, रिवीजन तकनीक और प्रैक्टिस पेपर्स में मदद करती रही। इस दौरान दोनों ने मिलकर तैयारी की और एक-दूसरे को लगातार मोटिवेट किया।

यह उदाहरण दर्शाता है कि कैसे पारिवारिक सहयोग से सपनों को हकीकत में बदला जा सकता है।

 युवाओं के लिए एक आदर्श

आज के युवा कई बार कठिनाई या असफलता मिलने पर हार मान लेते हैं, लेकिन ताराचंद जी की कहानी बताती है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती। उनका यह संदेश हर स्टूडेंट, प्रोफेशनल और अभिभावक के लिए एक प्रेरणा है।

 क्या कहते हैं लोग?

  • “Age is just a number! Hats off to Sir.”

  • “He proved that dreams don’t retire.”

  • “My father is 60 and hesitant to learn. I’m showing him this story today.”

71 साल की उम्र में CA बनकर ताराचंद अग्रवाल ने यह साबित कर दिया है कि सपने देखने की कोई सीमा नहीं होती और उन्हें पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती। उन्होंने न केवल देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को पास किया, बल्कि लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन गए हैं।

अगर आप भी CA बनना चाहते हैं या किसी अन्य परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो ताराचंद जी की कहानी से यह सीख सकते हैं:

  • समय का सदुपयोग करें

  • आत्मविश्वास रखें

  • हार मानना विकल्प नहीं है

  • सपनों के पीछे पूरी ताकत से भागें

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